💙 1993 में साहित्य अकादमी द्वारा बाबासाहेब अम्बेडकर जी के बारे में एक साहित्यिक मोनोग्राफ प्रकाशित हुआ था। उसके बाद कितने और संस्करण छापे गए? इस की हमें प्रमाणिक जानकारी नहीं है।
यह पुस्तक अंग्रेज़ी की एक श्रृंखला: "Makers of Indian Literature" का भाग थी।
यह पुस्तक K. Raghvendra Rao द्वारा लिखित है।
इस पुस्तक में बाबासाहेब जी की लिखित विभिन्न थीसिस, भाषणों व अखबार मूक नायक में लिखे गए आलेखों को साहित्य और भाषा के आधार पर भाव अभिव्यक्ति के गद्य के रूप में समीक्षा की गई है और English prose का आसान स्वरूप जो कि भारतीय पाठक के लिए उपयुक्त था।
अम्बेडकर साहब अपने लोगों तक सरल भाषा में बात पहुंचाने के लिए लिखते थे।
उन्होंने कभी भी भाषागत ज्ञान की श्रेष्ठा बखारने और साहित्य के नाम पर आलेख लिखने का कभी नही सोचा। उनकी जिंदगी संघर्षों से भरी थी अतः उनका ध्येय हमेशा सरल भाषा में जनहित और दलित अधिकारों को व्यक्त करने का था।
पहले यानि कि 1993 में इस पुस्तक का मूल्य मात्र ₹10/- था।
जो संस्करण हमें मिला वह रिवाइजड मूल्य के बावजूद मात्र ₹15/- की है।
अब ऐसी पुस्तकें मिलना बहुत सुलभ नहीं है। हमें यह पुस्तक पुरानी किताबें बेचने वाले साप्ताहिक पटरी बाज़ार से सौभाग्य वश मिल गई।
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Rao sahab ko sadhuwad🙏
Jai bheem 🙏🇮🇳