अब्राहम लिंकन के पिता जूते बनाते थे, जब वह राष्ट्रपति चुने गये तो अमेरिका के अभिजात्य वर्ग को बड़ी ठेस पहुँची!
सीनेट के समक्ष जब वह अपना पहला भाषण देने खड़े हुए तो एक सीनेटर ने ऊँची आवाज़ में कहा, मिस्टर लिंकन याद रखो कि तुम्हारे पिता मेरे और मेरे परिवार के जूते बनाया करते थे!
इसी के साथ सीनेट भद्दे अट्टहास से गूँज उठी! लेकिन लिंकन किसी और ही मिट्टी के बने हुए थे! उन्होंने कहा कि, मुझे मालूम है कि मेरे पिता जूते बनाते थे! सिर्फ आप के ही नहीं यहाँ बैठे कई माननीयों के जूते उन्होंने बनाये होंगे! वह पूरे मनोयोग से जूते बनाते थे, उनके बनाये जूतों में उनकी आत्मा बसती है! अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण उनके बनाये जूतों में कभी कोई शिकायत नहीं आयी! क्या आपको उनके काम से कोई शिकायत है? उनका पुत्र होने के नाते मैं स्वयं भी जूते बना लेता हूँ और यदि आपको कोई शिकायत है तो मैं उनके बनाये जूतों की मरम्मत कर देता हूँ! मुझे अपने पिता और उनके काम पर गर्व है!
सीनेट में उनके ये तर्कवादी भाषण से सन्नाटा छा गया और इस भाषण को अमेरिकी सीनेट के इतिहास में बहुत बेहतरीन भाषण माना गया है और उसी भाषण से एक थ्योरी निकली Dignity of Labour (श्रम का महत्व) और इसका ये असर हुआ की जितने भी कामगार थे उन्होंने अपने पेशे को अपना सरनेम बना दिया जैसे कि - कोब्लर, शूमेंकर, बुचर, टेलर, स्मिथ, कारपेंटर, पॉटर आदि।
अमरिका में आज भी श्रम को महत्व दिया जाता है इसीलिए वो दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति है।
वहीं भारत में जो श्रम करता है उसका कोई सम्मान नहीं है वो छोटी जाति का है नीच है। यहाँ जो बिलकुल भी श्रम नहीं करता वो ऊंचा है।
जो यहाँ सफाई करता है, उसे हेय (नीच) समझते हैं और जो गंदगी करता है उसे ऊँचा समझते हैं।
ऐसी गलत मानसिकता के साथ हम दुनिया के नंबर एक देश बनने का सपना सिर्फ देख सकते है, लेकिन उसे पूरा नहीं कर सकते। जब तक कि हम श्रम को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखेंगे। जातिवाद और ऊँच नीच का भेदभाव किसी भी राष्ट्र निर्माण के लिए बहुत बड़ी बाधा है।
एक महीने में लिखकर तैयार हुआ है ये मेरा लेख... जो 70 साल से परेशान थे, “अच्छे दिनों वाली शासन के 6 साल, बेमिसाल-रिपोर्ट” जरूर पढ़ें। आप पढ़ते जाये, आँखें खुलती जाएँगी। सन 2014 से पहले तक इतिहास का वो दौर था जब हम भारत के लोग "बहुत ही दुखी" थे। एक तरफ तो फैक्ट्रियों में काम चल रहा था और कामगार काम से दुखी थे, अपनी मिलने वाली पगार से दुखी थे। सरकारी बाबू की तन्ख्वाह समय समय पर आने वाले वेतन आयोगों से बढ रही थी। हर 6 महीने या साल भर में 10% तक के मंहगाई भत्ते मिल रहे थे, नौकरियां खुली हुईं थीं। अमीर, गरीब, सवर्ण, दलित, हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके लिये यूपीएससी था, एसएससी था, रेलवे थी, बैंक की नौकरियां थीं। प्राईवेट सेक्टर उफान पर था।मल्टी नेशनल कम्पनियां आ रहीं थी, जाॅब दे रहीं थीं। हर छोटे बडे शहर में ऑडी और जगुआर जैसी कारों के शो रूम खुल रहे थे। हर घर मे एक से लेकर तीन चार अलग अलग माॅडलो की कारें हो रही थीं। प्रॉपर्टी मे बूम था। नोयडा से पुणे, बंगलौर तक, कलकत्ता से बम्बई तक फ्लैटों की मारा-मारी मची हुई थी। महंगे बिकते थे फ़िर भी बुकिंग कई सालों की थी। मतलब हर तरफ, हर जगह अथाह दुख ही दुख पसरा हुआ था। लोग नौकरी मिलने से, तन्ख्वाह, पेन्शन और मंहगाई भत्ता मिलने से दुखी थे। प्राईवेट सेक्टर, आई टी सेक्टर में मिलने वाले लाखों के पैकेज से लोग दुखी थे। कारों से, प्रॉपर्टी से, शान्ति से बहुत लोग दुखी थे। फिर क्या था? प्रभु से भारत की जनता का यह दुख देखा न गया। तब 'अच्छे दिन' का एक वेदमंत्र लेकर भारत की पवित्र भूमि पर एक अवतारी का अवतरण हुआ। भये प्रकट कृपाला, दीन-दयाला। जनता ने कहा - कीजे प्रभु लीला, अति प्रियशीला। प्रभु ने चमत्कार दिखाने आरम्भ किये। जनता चमत्कृत हो कर देखती रही। लगभग 10 फ़ीसदी की रफ़्तार से चलनें वाली तीव्र अर्थव्यवस्था को शून्य पर पहुंचाया प्रभु ने और इसके लिए रात दिन अथक प्रयास किये। विदेशों से कालाधन लानें के बजाए जनता का बाप दादाओं का जमा खज़ाना खाली करवा दिया क्योंकि जनता ही चोर निकली। सारा कालाधन छिपाए बैठी थी और प्रभु तो सर्वज्ञानी हैं। एक ही झटके में खेल दिया मास्टरस्ट्रोक। इस ऐतिहासिक लीला को नोटबन्दी का नाम दिया गया। तमाम संवैधानिक संस्थायें रेलवे, एअरपोर्ट, दूरसंचार, बैंक, AIIMS, IIT, ISRO, CBI, RAW, BSNL, MTNL, NTPC, POWER GRID, ONGC आदि जो नेहरू और इंदिरा नाम के क्रूर शासकों ने बनायीं थीं उनको ध्वंस किया और उन्हें संविधान, कानून और नैतिकता के पंजे से मुक्त किया। रिजर्व बैंक नाम की एक ऐसी ही संस्था थी जो जनता के पैसों पर किसी नाग की भाँति कुन्डली मारकर बैठी रहती थी। प्रभु ने उसका तमाम पैसा, जिसे जनता अपना समझने की भूल करती थी, तमाम प्रयासों से बाहर निकालकर उस रिजर्व बैंक को पैसों के भार से मुक्त किया। प्रजा को इन सब कार्यवाहियों से बड़ा आनन्द मिला और करतल ध्वनि से जनता ने आभार व्यक्त किया और प्रभु के गुणगान में लग गयी। प्रभु ने ऐसे अनेक लोकोपकारी काम किये जैसे सरकारी नौकरियां खत्म करने का पूर्ण प्रयास, बिना यूपीएससी परिक्षा के सीधा उपसचिव, संयुक्त सचिव नियुक्त करना, बड़े बड़े पदों पर मनमानी नियुक्तियां, ईमानदारी से काम करने वाले को सेवा निवृत्त, मंहगाई भत्ता रोकना, आदि। पहले सरकारी कर्मचारी वेतन आयोगों में 30 से 40% तक की वृद्धि से दुखी रहते थे। फिर सातवें वेतन आयोग में जब मात्र 13% की वृद्धि ही मिली तब जा के कहीं सरकारी कर्मचारियों को संतुष्टि मिली वरना पहले के क्रूर शासक तो कर्मचारियों को तनख्वाह में बढोतरी और मंहगाई भत्ता की मद मे पैसे दे-देकर बिगाड़ रहा था। प्रभु जब अपनी लीला में व्यस्त थे, तभी कोरोना नामक एक देवी चीन से प्रभु की मदद को आ गयीं। अब सारे शहर गाँव गली कूचे में ताला लगा दिया गया।लोगों को तालों मे बंद करके आराम करने का आदेश हो गया।अब सर्वत्र शान्ति थी। लोग घरों मे बंद होकर चाट पकौड़ी, जलेबी, मिठाई का आनंद उठाने लगे। रेलगाड़ी और हवाई जहाज जैसी विदेशी म्लेच्छो के साधन छोड़कर लोग पैदल ही सैकड़ों हजारों मील की यात्रा पर निकल पड़े। फैक्ट्रियां, दुकानें सब बंद कर दी गयी। कामगारों को नौकरियों से निजात दे दी गयी। सबको गुलामों और घोड़ों की तरह मुँह पर पट्टा बाधना अनिवार्य किया गया, जो लोग 2014 के पहले के तमाम लौकिक सुखों से दुखी थे उनमें प्रसन्नता का सागर हिलोरे मारने लगा। सर्वत्र स्वराज छा गया। जनता जो 2014 से पहले आत्मनिर्भर थी, किसी सरकार की मोहताज नहीं थी, स्वावलंबी थी उसे सड़को, पटरियों, पगडंडियों पर चलाकर गावों में पैदल पैदल पहुंचा दिया। प्रभु की लीला तो देखिए, जो गर्भवती महिला पहले डॉक्टर के कहनें पर घर में पड़ी हुई रोटियां तोड़ती थी उन महिलाओं का ऐसा सशक्तिकरण कर दिया प्रभु ने कि वे ख़ुद ही सड़क किनारे बच्चे को जन्म देकर 160 किलोमीटर तक दौड़ रही हैं। ऐसा चमत्कार प्रभु के अलावा कोई नहीं कर पाया। आपनें तो छोटे छोटे बच्चों को भी सशक्त और आत्मनिर्भर बना दिया है। हज़ारों, लाखों बच्चों को भी सड़कों पर अपनें माता पिता के साथ पैदल चलते देखा जा सकता है। कुछ बच्चे तो अपनें छोटे छोटे पैरों से साईकिल चलाकर परिवार को ढ़ोने में खुशी पा रहे हैं। आप धन्य हैं प्रभु। ग़रीबों की प्रभु को इतनी चिंता और फ़िक्र है कि देश का सारा खज़ाना ही उन पर न्यौछावर कर दिया। 20 लाख करोड़ रुपये अमीरों को दे दिए प्रभु ने ताक़ि ये अमीर जीवनभर ग़रीबों को ग़ुलाम बनाकर रखें। धन्यवाद प्रभु। यदि प्रभु के सारे कृत्य वर्णन किये जाये तो सारे भारत की भूमि और सारी नदियों का जल भी लिखने के लिये कम पड़ जाये। थोड़ा लिखना बहुत समझना, आप तो खुद समझदार हैं। आगे की लीला के लिए प्रभु के दूरदर्शन पर प्रकट होने की प्रतीक्षा करें उसके बाद करतल ध्वनि से स्वागत करते रहिये। जय हो श्री श्री श्री महाजुमलेश्वर महाराज की। 🌷🌷🌷 आपका दोस्त 🙏🙏🙏😀Subscribe me:- Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4 *subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें।* *धन्यवाद,* *अनिल कुमार सागर*, वरिष्ठ लेखक - स्वतंत्र पत्रकार,पूर्व उप सम्पादक :"उजाले की ओर","कीमया-ऐ-जीवन ","ज्ञान रंजन ट्रेजर","चन्दौसी की गूँज ","मोटर यान ज्ञान","तुमुल तूफानी ","रंगीला टाइम्स", आदि राष्ट्रीय समाचार पत्र, सम्पर्कः- 03,आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी-244412,उ.प्र. *Follow me on:* https://www.facebook.com https://www.instagram.com https://www twitter.com। *केवल वाट्सएप:09719674350 & 07306870940 🌷🌷🌷
अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति जानकारी ,प्राणायाम से दूर होते हैं ये रोग योग के 8 अंगों में प्राणायाम का स्थान चौथे नंबर पर आता है। प्राणायाम को आयुर्वेद में मन, मस्तिष्क और शरीर की औषधि माना गया है। चरक ने वायु को मन का नियंता एवं प्रणेता माना है। आयुर्वेद अनुसार काया में उत्पन्न होने वाली वायु है उसके आयाम अर्थात निरोध करने को प्राणायाम कहते हैं। आओ जानते हैं कैसे करें प्राणायाम और कौन-सा रोग मिटेगा प्राणायाम से... प्राणायाम के पांच फायदे जानना जरूरी प्राणायाम की शुरुआत : प्राणायाम करते समय 3 क्रियाएं करते हैं- 1.पूरक, 2.कुंभक और 3.रेचक। इसे ही हठयोगी अभ्यांतर वृत्ति, स्तम्भ वृत्ति और बाह्य वृत्ति कहते हैं। (1) पूरक- अर्थात नियंत्रित गति से श्वास अंदर लेने की क्रिया को पूरक कहते हैं। श्वास धीरे-धीरे या तेजी से दोनों ही तरीके से जब भीतर खींचते हैं तो उसमें लय और अनुपात का होना आवश्यक है। (2) कुंभक- अंदर की हुई श्वास को क्षमतानुसार रोककर रखने की क्रिया को कुंभक कहते हैं। श्वास को अंदर रोकने की क्रिया को आंतरिक कुंभक और श्वास को बाहर छोड़कर पुन: नहीं लेकर कुछ देर रुकने की क्रिया को बाहरी कुंभक कहते हैं। इसमें भी लय और अनुपात का होना आवश्यक है। (3) रेचक- अंदर ली हुई श्वास को नियंत्रित गति से छोड़ने की क्रिया को रेचक कहते हैं। श्वास धीरे-धीरे या तेजी से दोनों ही तरीके से जब छोड़ते हैं तो उसमें लय और अनुपात का होना आवश्यक है। पूरक, कुंभक और रेचक की आवृत्ति को अच्छे से समझकर प्रतिदिन यह प्राणायाम करने से कुछ रोग दूर हो जाते हैं। इसके बाद आप भ्रस्त्रिका, कपालभाती, शीतली, शीतकारी और भ्रामरी प्राणायाम को एड कर लें। योग सूत्र, योग दर्शन, योगोपनिषद, जबालदर्शनोपनिषद और योगकुडल्योपनिषद आदि योग से संबंधित ग्रंथों में इस बात की पुष्टि होती है कि प्राणायाम के नियमित अभ्यास से सभी तरह के रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। योगकुडल्योपनिषद के अनुसार प्राणायाम से गुल्म, जलोदर, प्लीहा तथा पेट संबंध सभी रोग पूर्ण रूप से खत्म हो जाते हैं। प्राणायाम द्वारा 4 प्रकार के वात दोष और कृमि दोष को भी नष्ट किया जा सकता है। इससे मस्तिष्क की गर्मी, गले के कफ संबंधी रोग, पित्त-ज्वर, प्यास का अधिक लगना आदि रोग भी दूर होते हैं। नाड़ी शोधन के लाभ : नाड़ी शोधन के नियमित अभ्यास से मस्तिष्क शांत रहता है और सभी तरह की चिंताएं दूर हो जाती हैं। 3 बार नाड़ी शोधन करने से रक्त संचार ठीक तरह से चलने लगता है। इसके नियमित अभ्यास से बधिरता और लकवा जैसे रोग भी मिट जाते हैं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। भस्त्रिका के लाभ : प्रतिदिन 5 मिनट भस्त्रिका प्राणायाम करने से रक्त शुद्ध हो जाता है। सर्दी-जुकाम और एलर्जी दूर हो जाती है। मस्तिष्क को फिर से उर्जा प्राप्त होती है। कपालभाती प्राणायाम : कपालभाती से गैस, कब्ज, मधुमेह, मोटापा जैसे रोग दूर रहते हैं और मुखमंडल पर तेज कायम हो जाता है। बाह्म प्राणायाम : 5 बार बाह्य प्राणायाम करने से मन की चंचलता दूर हो जाती है। इसके अलावा उदर रोग दूर होकर जठराग्नि प्रदीप्त हो जाती है। अनुलोम-विलोम : 10 मिनट अनुलोम-विलोम करने से सिरदर्द ठीक हो जाता है। नकारात्मक चिंतन से चित्त दूर होकर आनंद और उत्साह बढ़ जाता है। भ्रामरी प्राणायाम : 11 बार भ्रामरी करने से जहां तनाव दूर होता है वहीं रक्तचाप और हृदयरोग में लाभ मिलता है। इससे अनिद्रा रोग में भी लाभ मिलता है। उज्जायी प्राणायाम : 5 बार उज्जायी करने से कफ का निदान होकर गला मधुर हो जाता है। सर्दी-जुकाम में भी यह लाभदायक है। इसके नियमित अभ्यास से हकलाना ठीक हो जाता है। सीत्कारी : 11 बार सीत्कारी करने से पायरिया दूर हो जाता है और दांत का कोई भी रोग नहीं होता। शीतली : इस प्राणायाम से पित्त, कफ, अपच जैसी बीमारियां बहुत जल्द समाप्त हो जाती हैं। योग शास्त्र के अनुसार लंबे समय तक इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से व्यक्ति पर जहर का भी असर नहीं होता। 11 बार शीतली कर भूख-प्यास पर कंट्रोल किया जा सकता है और मुंह व गले के रोग सहित पित्त संबंधी रोग भी मिट जाते हैं। इससे शरीर शीतल बना रहता है।😀Subscribe me:- Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4 *subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें।* *धन्यवाद,* *अनिल कुमार सागर*, वरिष्ठ लेखक - 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कीजे प्रभु लीला, अति प्रियशीला। प्रभु ने चमत्कार दिखाने आरम्भ किये। जनता चमत्कृत हो कर देखती रही। लगभग 10 फ़ीसदी की रफ़्तार से चलनें वाली तीव्र अर्थव्यवस्था को शून्य पर पहुंचाया प्रभु ने और इसके लिए रात दिन अथक प्रयास किये। विदेशों से कालाधन लानें के बजाए जनता का बाप दादाओं का जमा खज़ाना खाली करवा दिया क्योंकि जनता ही चोर निकली। सारा कालाधन छिपाए बैठी थी और प्रभु तो सर्वज्ञानी हैं। एक ही झटके में खेल दिया मास्टरस्ट्रोक। इस ऐतिहासिक लीला को नोटबन्दी का नाम दिया गया। तमाम संवैधानिक संस्थायें रेलवे, एअरपोर्ट, दूरसंचार, बैंक, AIIMS, IIT, ISRO, CBI, RAW, BSNL, MTNL, NTPC, POWER GRID, ONGC आदि जो नेहरू और इंदिरा नाम के क्रूर शासकों ने बनायीं थीं उनको ध्वंस किया और उन्हें संविधान, कानून और नैतिकता के पंजे से मुक्त किया। रिजर्व बैंक नाम की एक ऐसी ही संस्था थी जो जनता के पैसों पर किसी नाग की भाँति कुन्डली मारकर बैठी रहती थी। प्रभु ने उसका तमाम पैसा, जिसे जनता अपना समझने की भूल करती थी, तमाम प्रयासों से बाहर निकालकर उस रिजर्व बैंक को पैसों के भार से मुक्त किया। प्रजा को इन सब कार्यवाहियों से बड़ा आनन्द मिला और करतल ध्वनि से जनता ने आभार व्यक्त किया और प्रभु के गुणगान में लग गयी। प्रभु ने ऐसे अनेक लोकोपकारी काम किये जैसे सरकारी नौकरियां खत्म करने का पूर्ण प्रयास, बिना यूपीएससी परिक्षा के सीधा उपसचिव, संयुक्त सचिव नियुक्त करना, बड़े बड़े पदों पर मनमानी नियुक्तियां, ईमानदारी से काम करने वाले को सेवा निवृत्त, मंहगाई भत्ता रोकना, आदि। पहले सरकारी कर्मचारी वेतन आयोगों में 30 से 40% तक की वृद्धि से दुखी रहते थे। फिर सातवें वेतन आयोग में जब मात्र 13% की वृद्धि ही मिली तब जा के कहीं सरकारी कर्मचारियों को संतुष्टि मिली वरना पहले के क्रूर शासक तो कर्मचारियों को तनख्वाह में बढोतरी और मंहगाई भत्ता की मद मे पैसे दे-देकर बिगाड़ रहा था। प्रभु जब अपनी लीला में व्यस्त थे, तभी कोरोना नामक एक देवी चीन से प्रभु की मदद को आ गयीं। अब सारे शहर गाँव गली कूचे में ताला लगा दिया गया।लोगों को तालों मे बंद करके आराम करने का आदेश हो गया।अब सर्वत्र शान्ति थी। लोग घरों मे बंद होकर चाट पकौड़ी, जलेबी, मिठाई का आनंद उठाने लगे। रेलगाड़ी और हवाई जहाज जैसी विदेशी म्लेच्छो के साधन छोड़कर लोग पैदल ही सैकड़ों हजारों मील की यात्रा पर निकल पड़े। फैक्ट्रियां, दुकानें सब बंद कर दी गयी। कामगारों को नौकरियों से निजात दे दी गयी। सबको गुलामों और घोड़ों की तरह मुँह पर पट्टा बाधना अनिवार्य किया गया, जो लोग 2014 के पहले के तमाम लौकिक सुखों से दुखी थे उनमें प्रसन्नता का सागर हिलोरे मारने लगा। सर्वत्र स्वराज छा गया। जनता जो 2014 से पहले आत्मनिर्भर थी, किसी सरकार की मोहताज नहीं थी, स्वावलंबी थी उसे सड़को, पटरियों, पगडंडियों पर चलाकर गावों में पैदल पैदल पहुंचा दिया। प्रभु की लीला तो देखिए, जो गर्भवती महिला पहले डॉक्टर के कहनें पर घर में पड़ी हुई रोटियां तोड़ती थी उन महिलाओं का ऐसा सशक्तिकरण कर दिया प्रभु ने कि वे ख़ुद ही सड़क किनारे बच्चे को जन्म देकर 160 किलोमीटर तक दौड़ रही हैं। ऐसा चमत्कार प्रभु के अलावा कोई नहीं कर पाया। आपनें तो छोटे छोटे बच्चों को भी सशक्त और आत्मनिर्भर बना दिया है। हज़ारों, लाखों बच्चों को भी सड़कों पर अपनें माता पिता के साथ पैदल चलते देखा जा सकता है। कुछ बच्चे तो अपनें छोटे छोटे पैरों से साईकिल चलाकर परिवार को ढ़ोने में खुशी पा रहे हैं। आप धन्य हैं प्रभु। ग़रीबों की प्रभु को इतनी चिंता और फ़िक्र है कि देश का सारा खज़ाना ही उन पर न्यौछावर कर दिया। 20 लाख करोड़ रुपये अमीरों को दे दिए प्रभु ने ताक़ि ये अमीर जीवनभर ग़रीबों को ग़ुलाम बनाकर रखें। धन्यवाद प्रभु। यदि प्रभु के सारे कृत्य वर्णन किये जाये तो सारे भारत की भूमि और सारी नदियों का जल भी लिखने के लिये कम पड़ जाये। थोड़ा लिखना बहुत समझना, आप तो खुद समझदार हैं। आगे की लीला के लिए प्रभु के दूरदर्शन पर प्रकट होने की प्रतीक्षा करें उसके बाद करतल ध्वनि से स्वागत करते रहिये। जय हो श्री श्री श्री महाजुमलेश्वर महाराज की। 🌷🌷🌷 आपका दोस्त 🙏🙏🙏😀Subscribe me:- Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4 *subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें।* *धन्यवाद,* *अनिल कुमार सागर*, वरिष्ठ लेखक - स्वतंत्र पत्रकार,पूर्व उप सम्पादक :"उजाले की ओर","कीमया-ऐ-जीवन ","ज्ञान रंजन ट्रेजर","चन्दौसी की गूँज ","मोटर यान ज्ञान","तुमुल तूफानी ","रंगीला टाइम्स", आदि राष्ट्रीय समाचार पत्र, सम्पर्कः- 03,आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी-244412,उ.प्र. *Follow me on:* https://www.facebook.com https://www.instagram.com https://www twitter.com। *केवल वाट्सएप:09719674350 & 07306870940 🌷🌷🌷[16/6, 12:30 PM] +91 83051 11809: Big Breaking: सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर सुनकर, परिवार के एक और सदस्य की मौत; https://lalluram.com/?p=271840 [16/6, 1:15 PM] +91 83051 11809: सुशांत सिंह राजपूतः पुण्य प्रसून वाजपेयी ने खुदखुशी के पीछे की वजह बताई; https://lalluram.com/?p=271871 via @lalluram_news [16/6, 1:21 PM] +91 83051 11809: Big Breaking: चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प, 3 शहीद https://lalluram.com/?p=271879 via @lalluram_news [16/6, 2:57 PM] +91 83051 11809: कोरोना काल में भक्तों को तोहफा, राम मंदिर में लगाई गई सेंसर वाली घंटी, बिना छुए घंटी बजा सकेंगे भक्त, देखिए VIDEO https://lalluram.com/?p=271870 [16/6, 2:57 PM] +91 83051 11809: BREAKING : सीमा पर भारतीय सेना के साथ हिंसक झड़प में मारे गए चीन के पांच जवान… https://lalluram.com/breaking-five-chinese-soldiers-killed-in-violent-clash-with-indian-army-on-the-border/ [16/6, 4:03 PM] +91 83051 11809: कोरोना के मरीज को ठीक होने के बाद अस्पताल ने पकड़ाया 8 करोड़ का बिल, सदमे में आया मरीज https://lalluram.com/huge-amount-of-medical-bill/ [16/6, 4:13 PM] +91 83051 11809: खान परिवार के खिलाफ इस प्रसिद्ध निर्देशक ने खोला मोर्चा, कहा- बहुत बर्दाश्त किया, अब जवाबी हमले का समय है, यह धमकी नहीं खुला चैलेंज है… https://lalluram.com/this-famous-director-opened-a-front-against-the-khan-family/ [16/6, 5:35 PM] +91 83051 11809: VIDEO : कोरोना संकट में मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा में पीएम मोदी ने दिया देश को बड़ा संदेश … https://lalluram.com/in-the-discussion-with-the-chief-ministers-in-the-corona-crisis-pm-modi-gave-a-big-message-to-the-nation/ [16/6, 8:00 PM] +91 83051 11809: रक्षा मंत्री ने सेना के अफसरों से मीटिंग खत्म की, प्रधानमंत्री को देंगे हालात की जानकारी, मोदी लेंगे चीन पर फैसला https://lalluram.com/modi-will-take-decision-about-china/
बढ़िया लेख 👍👍
खूब चाय पीओ व पिलाओ चाय पीने वालों के लिए खुश खबरी 🅿️➕ *अमेरिका के विख्यात CNN NEWS CHANNEL के अनुसार, चीन के विख्यात कोरोना वाॅयरस विशेषज्ञ Dr. Li Wenliang अपनी मृत्यु के पूर्व यह कह गये हैं कि, ३ केमिकल Methylxanthine, Theobromine एवं Theophylline कोरोना वाॅयरस को मार सकते हैं। और ये तीनों केमिकल ही चाय में पाये जाते हैं। इसलिये यदि कोई दिन में तीन कप चाय पीते हैं, तो वे कोरोना वाॅयरस से संक्रमित नहीं होंगे अथवा यदि कोई संक्रमित व्यक्ति चाय पीते हैं तो कुछ ही दिनों में वे संक्रमण मुक्त हो जायेंगे। इस सत्य को Dr. Li Wenliang ने कोरोना रोगियों की Case History Study का अध्ययन करके आविष्कार किया है।* *यह सत्य उजागर करने के लिये चीन सरकार ने उन्हें सजा भी दी थी। दु:ख का विषय यह है कि, Dr. Li Wenliang की मृत्यु कोरोना से आक्रान्त होकर ही हुई थी। चाय के अन्दर जो Caffine होता है, वही Methylxanthine है और दो अन्य केमिकल भी चाय में ही पाये जाते हैं। चीन के हुवान प्रान्त में कोरोना रोगियों को तीन बार चाय पिलाई जाती थी। तभी आज हुवान कोरोना मुक्त हो पाया है।*🙏 please drink 3 times TEA and save LIFE😀Subscribe me:- Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4 *subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें।* *धन्यवाद,* *अनिल कुमार सागर*, वरिष्ठ लेखक - स्वतंत्र पत्रकार,पूर्व उप सम्पादक :"उजाले की ओर","कीमया-ऐ-जीवन ","ज्ञान रंजन ट्रेजर","चन्दौसी की गूँज ","मोटर यान ज्ञान","तुमुल तूफानी ","रंगीला टाइम्स", आदि राष्ट्रीय समाचार पत्र, सम्पर्कः- 03,आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी-244412,उ.प्र. *Follow me on:* https://www.facebook.com https://www.instagram.com https://www twitter.com। *केवल वाट्सएप:09719674350 & 07306870940*उपभोगवाद की हकीकत :-* सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुका। दुकान पर नौकर था, उसने मुझे गोली का पत्ता दिया , तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ गए हैं ? *तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था ,* *सो, अतः सामने वाली दुकान में कॉफी पीने गये हैं।* अभी आते होंगे! मैं अपने हाथ मे लिए उस दवाई के पत्ते को देख रहा था.? 🤔🤔 माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था , सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गया। क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था , जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे। मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा। कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक आये , और माँ का चेक-अप करने लगे। उन्होंने मम्मी से कहा आपकी दवाइयां बढ़ानी पड़ेंगी , और एक पर्चे पर करीब 5 या 6 दवाइयों के नाम लिखे। उन्होंने माँ को दवाइयां रेगुलर रूप से खाने की हिदायत दी। बाद में मैंने उत्सुकता वश उनसे पूछा कि... क्या आप बहुत समय से योग कर रहे हैं.? तो उन्होंने कहा कि... *पिछले 15 साल से वो योग कर रहे हैं ,* *और ब्लड प्रेशर व अन्य बहुत सी बीमारियों से बचे हुए हैं!* मैं अपने हाथ मे लिए हुए माँ के उस पर्चे को देख रहा था , जिसमे उन्होंने BP और शुगर कम करने की कई दवाइयां लिख रखी थी.? 🤔🤔 अपनी बीवी के साथ एक ब्यूटी पार्लर गया। मेरी बीवी को हेयर ट्रीटमेंट कराना था , क्योंकी उनके बाल काफी खराब हो रहे थे। रिसेप्शन में बैठी लड़की ने उन्हें कई पैकेज बताये और उनके फायदे भी। पैकेज 1200 से लेकर 3000 रुपये तक थे। कुछ डिस्काउंट के बाद मेरी बीवी को उन्होंने 3000 रुपये वाला पैकेज 2400रुपये में कर दिया। हेयर ट्रीटमेंट के समय उनका ट्रीटमेंट करने वाली लड़की के बालों से अजीब सी खुशबू आ रही थी। मैंने उससे पूछा कि आपने क्या लगा रखा है , कुछ अजीब सी खुशबू आ रही है। तो उसने कहा --- *उसने तेल में मेंथी और कपूर मिला कर लगा रखा है ,* *इससे बाल सॉफ्ट हो जाते हैं और जल्दी बढ़ते हैं।* मैं अपनी बीवी की शक्ल देख रहा था , जो 2400 रु में अपने बाल अच्छे कराने आई थी। 🤔🤔 मेरी रईस कज़िन जिनका बड़ा डेयरी फार्म है, उनके फार्म पर गया। फार्म में करीब 150 विदेशी गाय थीं , जिनका दूध मशीनों द्वारा निकाल कर प्रोसेस किया जा रहा था। एक अलग हिस्से में 2 देसी गाय हरा चारा खा रही थीं । पूछने पर बताया ... *उनके घर उन गायों का दूध नहीं आता ,* *जिनका दूध उनके डेयरी फार्म से सप्लाई होता है।* बल्कि परिवार के इस्तेमाल के लिए ... *इन 2 देसी गायों का दूध, दही व घी इस्लेमाल होता है।* मैं उन लोगों के बारे में सोच रहा था , जो ब्रांडेड दूध को बेस्ट मानकर खरीदते हैं। 🤔🤔 एक प्रसिद्ध रैस्टोरेंटें जो कि अपनी विशिष्ट थाली और शुद्ध खाने के लिए प्रसिद्ध है , हम खाना खाने गये। निकलते वक्त वहां के मैनेजर ने बड़ी विनम्रता से पूछा- सर खाना कैसा लगा, हम बिल्कुल शुद्ध घी, तेल और मसाले यूज़ करते हैं , हम कोशिश करते हैं बिल्कुल घर जैसा खाना लगे। मैंने खाने की तारीफ की तो उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड देने को अपने केबिन में गये। काउंटर पर एक 3 डब्बों का स्टील का टिफिन रखा था। एक वेटर ने दूसरे से कहा-- "सुनील सर का खाना अंदर केबिन में रख दे , बाद में खाएंगे"। मैंने वेटर से पूछा क्या सुनील जी यहां नहीं खाते? तो उसने जवाब दिया-- *"सुनील सर कभी बाहर नहीं खाते ,* *हमेशा घर से आया हुआ खाना ही खाते हैं"* मैं अपने हाथ में 1670 रु के बिल को देख रहा था। 🤔🤔 ये कुछ वाकये हैं जिनसे मुझे समझ आया कि ... *हम जिसे सही जीवन शैली समझते हैं ..* *वो हमें भृमित करने का जरिया मात्र हैं ।* *हम कंपनियों के ATM मात्र हैं।* *जिसमें से कुशल मार्केटिंग वाले लोग मोटा पैसा निकाल लेते हैं।* *अक्सर जिन चीजों को हमें बेचा जाता है ,* *उन्हें बेचने वाले खुद इस्तेमाल नहीं करते।* कृपया इसे एक बार अवश्य पढें ... *शायद विचारणीय हो।* *... ॐ ... 🌺🌺🌺🌺* *... द्वारा विकास शर्मा सत्यवादी ... 🌺🌺🌺🌺*😀Subscribe me:- Van Ausdhi : https://youtu.be/o64VOXnLg10🌹🌹🌹🌹🌹https://youtu.be/z6Yw-hThfN4 *subscribe करें, कमेन्ट करें, शेयर (साझा) करें जिससे ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार हो सके तथा Bell icon दबाना न भूलें।* *धन्यवाद,* *अनिल कुमार सागर*, वरिष्ठ लेखक - स्वतंत्र पत्रकार,पूर्व उप सम्पादक :"उजाले की ओर","कीमया-ऐ-जीवन ","ज्ञान रंजन ट्रेजर","चन्दौसी की गूँज ","मोटर यान ज्ञान","तुमुल तूफानी ","रंगीला टाइम्स", आदि राष्ट्रीय समाचार पत्र, सम्पर्कः- 03,आनन्द कॉलोनी,चन्दौसी-244412,उ.प्र. *Follow me on:* https://www.facebook.com https://www.instagram.com https://www twitter.com। *केवल वाट्सएप:09719674350 & 07306870940